पिछले महीने आई फिच ग्रुप (Fitch Group) की इकाई क्रेडिटसाइट्स (CreditSights) में दावा किया गया था कि अडानी ग्रुप ने ‘काफी ज्यादा’ कर्ज लिया हुआ है। इसका इस्तेमाल मौजूदा कारोबार के साथ-साथ नए बिजनस को आक्रामक तरीके से निवेश करने के लिए किया जा रहा है। इससे कर्ज और नकदी प्रवाह पर दबाव पड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रुप की छह लिस्टेड कंपनियों पर 2021-22 में 2,309 अरब रुपये का कर्ज था। ग्रुप के पास मौजूद नकदी को निकालने के बाद कर्ज 1,729 अरब रुपये बैठता है। स्थिति बिगड़ने पर ग्रुप की योजनाएं एक बड़े कर्ज जाल में बदल सकती हैं। ग्रुप कीएक या एक से अधिक कंपनी कर्ज के भुगतान में डिफॉल्ट कर सकती हैं।
कितना कम हुआ कर्ज
लेकिन अडानी ग्रुप ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि उसकी कंपनियों ने अपने कर्ज को कम किया है। ग्रुप का कहना है कि उसकी कंपनियों की कर्ज का रेश्यो हेल्दी है और इंडस्ट्री के बेंचमार्क के मुताबिक है। पिछले नौ साल में उनका नेट डेट टु एबिटा रेश्यो घटकर 7.6 गुना से घटकर 3.2 गुना रह गया है। अडानी ग्रुप की कंपनियों ने हाल में अपने निवेशकों को भारी रिटर्न दिया है। गौतम अडानी दुनिया के तीसरे सबसे बड़े रईस बनकर उभरे हैं।
अडानी ग्रुप ने 1980 के दशक में जिंस कारोबारी के रूप में काम शुरू किया था। बाद में उसने माइंस, पोर्ट, पावर, एयरपोर्ट, डेटा सेंटर और डिफेंस जैसे क्षेत्रों में कदम रखा। हाल ही में उसने सीमेंट, मीडिया, ग्रीन एनर्जी और एलुमिना सेक्टर में भी कदम रखे हैं। अडानी ग्रुप देश का सबसे बड़ा प्राइवेट सेक्टर पोर्ट और एयरपोर्ट ऑपरेटर, सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूटर और लोकल माइनर है।