Gautam Adani news: CRPF के सुरक्षा घेरे में रहेंगे गौतम अडानी, जानिए हर महीने कितना आएगा खर्च


नई दिल्ली: भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस गौतम अडानी (Gautam Adani) को सरकार ने जेड कैटेगरी की सुरक्षा (Z category security) देने का फैसला किया है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अडानी इस सुरक्षा का खर्च खुद उठाएंगे। इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) की थ्रेट परसेप्शन रिपोर्ट के आधार पर होम मिनिस्ट्री ने अडानी ग्रुप के चेयरमैन को सुरक्षा देने का फैसला किया है। सूत्रों ने बताया कि पूरे देश में मिलने वाले इस सुरक्षा घेरे को ‘भुगतान के आधार’ पर उपलब्ध कराया गया है और इस पर करीब 15-20 लाख रुपये प्रति माह खर्च आने की संभावना है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की वीआईपी सुरक्षा शाखा को यह जिम्मेदारी संभालने को कहा है और इसका दस्ता अब अडानी के साथ है।

Z कैटेगरी की सुरक्षा के तहत कुल 33 सुरक्षागार्ड उनकी सुरक्षा तैनात रहेंगे। देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) और उनकी पत्नी नीता अंबानी (Nita Ambani) को भी केंद्रीय सुरक्षा मिली है। इसका खर्च वे खुद उठाते हैं। सूत्रों के मुताबिक गौतम अडानी को भी उसी तर्ज पर सुरक्षा मिली है। हाल के वर्षों में अडानी की नेटवर्थ रॉकेट की स्पीड से बढ़ी है और वह 131 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में चौथे स्थान पर हैं। अडानी एक बार किडनैप हो चुके हैं। अडानी की जिंदगी पर 2008 में भी खतरा मंडराया था जब मुंबई के होटल ताज पर आतंकी हमला हुआ था। उस समय अडानी ताज होटल में डिनर करने गए थे।

navbharat times

Gautam Adani News : सीमेंट के बाद अब मेटल सेक्टर में घुस रहे अडानी, वेदांता को देंगे सीधी टक्कर, अरबों डॉलर खर्चने को तैयार
1997 में हुआ का अपहरण
आज दुनिया के दौलतमंदों की रेस में शामिल गौतम अडानी के साथ दो ऐसे वाकये गुजरे हैं जिनमें उनकी जान खतरे में पड़ गई थी। पहला वाकया है उनकी किडनैपिंग का। तब उनका फिरौती के लिए अपहरण हुआ था। बात 1997 की है। अडानी को किडनैप कर लिया गया था। उन्हें छोड़ने के बदले में 15 लाख डॉलर यानी करीब 11 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की गई। पुलिस ने इस मामले में एक जनवरी 1998 को चार्जशीट फाइल की थी। अडानी के साथ शांतिलाल पटेल को भी बंदूक की नोंक पर अगवा किया गया था। दोनों कर्णावती क्लब से निकल कर अपनी कार से मोहम्मदपुरा रोड की ओर निकले थे। रास्ते में एक स्कूटर ने जबरन उनकी गाड़ी रुकवा ली थी। फिर बहुत से लोग एक वैन से आए और दोनों को किडनैप कर लिया। उन्हें किसी अनजान जगह पर ले जाया गया था। कहा जाता है कि अडानी के अपहरण के पीछे अंडरवर्ल्ड डॉन फजल उर रहमान उर्फ फजलू रहमान का हाथ था।

मुंबई हमले में बाल-बाल बचे

दूसरा बड़ा वाकया जब अडानी की जिंदगी पर खतरा मंडराया वह था 2008 में। तब मुंबई के होटल ताज पर आतंकी हमला हुआ था। 26 नवंबर 2008 को जिस वक्‍त यह हमला हुआ था अडानी ताज होटल में डिनर करने गए थे। आतंकियों ने इस हमले में 160 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। हालांकि, अडानी बचने में कामयाब रहे थे। अडानी उस दिन वैदर क्राफ्ट रेस्टोरेंट में दुबई पोर्ट के सीईओ मोहम्मद शराफ के साथ खाना खा रहे थे। तभी उन्होंने आतंकियों को होटल में घुसते और गोलियां चलाते देखा। वे बम भी फेंक रहे थे। अडानी ऊंचाई पर बैठे थे, इसलिए वह साफ देख पा रहे थे। आतंकी स्वीमिंग पूल और लिफ्ट की तरफ लगातार गोलियां चला रहे थे। कुछ ही पलों में होटल स्टाफ ने मेहमानों की मदद की ताकि वे बेसमेंट में जा सकें। बेसमेंट में बहुत अधिक घुटन होने लगी तो उन्हें ताज चैंबर में ले जाया गया जो एक फ्लोर ऊपर था।

navbharat timesAdani Group News : हाइफा पोर्ट, सोलर पर जोर और अब स्टार्टअप्स पर नजर, जानिए कैसे इजराइल में घुसेंगे अडानी
अडानी ने बताया था कि उनके साथ करीब 100 लोग थे। सभी जिंदगी के लिए दुआ मांग रहे थे। कुछ लोग सोफे के नीचे छुपे थे। कई इधर उधर। उसी वक्त अडानी अहमदाबाद में अपने परिवार से भी बात कर रहे थे। वह अपने ड्राइवर और कमांडो से भी बात कर रहे थे, जो होटल के बाहर कार में थे। 26 नवंबर की पूरी रात अडानी ने बेसमेंट में गुजारी थी। अगले दिन गुरुवार को सुबह सुरक्षा बलों ने करीब 8.45 बजे उन्हें बाहर निकाला था। 27 नवंबर को अपने प्राइवेट एयरक्राफ्ट से अहमदाबाद एयरपोर्ट पर लैंड करने के बाद उन्होंने कहा था, ‘मैंने 15 फीट की दूरी से मौत को देखा।’



Source link