APSEZ ने शेयरों की अदलाबदली के जरिए गंगावरम पोर्ट में बाकी हिस्सेदारी अपने नाम की है। यह आंध्र प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा नॉन-मेजर पोर्ट है। इसमें नौ बर्थ हैं और यह बड़े जहाजों को हैंडल करने में सक्षम है। साथ ही इसके पास 1800 एकड़ फ्री होल्ड लैंड भी है। इसकी क्षमता 64 एमएमटी है और यह ऑल वेदर डीप वॉटर मल्टीपर्पज पोर्ट है। यह पोर्ट पूर्वी, दक्षिणी और मध्य भारत के आठ राज्यों के भीतरी इलाकों के लिए गेटवे का काम करता है। फाइनेंशियल ईयर 2022 में जीपीएल ने 30 एमएमटी कार्गो को हैंडल किया था और कंपनी का रेवेन्यू 1206 करोड़ रुपये और एबिटा 796 करोड़ रुपये रहा था।
आठ राज्यों में दबदबा
APSEZ के सीईओ और होल-टाइम डायरेक्टर करण अडानी ने कहा कि जीपीएल का अधिग्रहण कंपनी के लिए बड़ी उपलब्धि है। इससे पूर्वी और पश्चिमी तट पर बराबरी कायम होगी। यह पोर्ट रेल और रोड़ नेटवर्क से अच्छी तरह जुड़ा है और यह आठ राज्यों के भीतरी इलाकों के लिए बिजनस गेटवे की तरह है। गंगावरम पोर्ट आंध्र प्रदेश की उत्तरी हिस्से में वाइजैग पोर्ट के करीब है। इस पोर्ट से कोल, आयरन ओर, फर्टिलाइजर, लाइमस्टोन, बॉक्साइट, शुगर, एलुमिना और स्टील की आवाजाही होती है।