
G-20 को वैश्विक कल्याण के लिए लाभकारी बनाएंगेः मोदी
पीएम मोदी ने कहा, हमारे मेहमानों को भारत की अद्भुत विविधता, समावेशी परंपराओं और सांस्कृतिक समृद्धि का पूरा अनुभव मिलेगा। हम कामना करते हैं कि आप सभी ‘लोकतंत्र की जननी’ भारत में इस अनूठे उत्सव में भाग लेंगे। पीएम मोदी ने कहा, हम G-20 के हर सदस्य देश के प्रयासों के साथ इसे वैश्विक कल्याण के लिए लाभकरी बनाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने G-20 सदस्य देशों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत यह जिम्मा ऐसे समय पर उठा रहा है, जब विश्व जियो पॉलिटिकल तनाव, आर्थिक मंदी, खाद्यान्नों और ऊर्जा की बढ़ रही कीमतों और कोरोना के दीर्घकालीन दुष्प्रभावों से एक-साथ जूझ रहा है। ऐसे समय में विश्व G-20 की ओर आशा की नजर से देखता है।

भविष्य के लिए ट्रस्टीशिप की भावना ही समाधानः मोदी
पीएम मोदी ने G-20 के लिए भारत की प्राथमिकताओं को भी सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा, “अगले एक साल में, हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि G-20 नए विचारों की कल्पना करने और सामूहिक कार्रवाई में तेजी लाने के लिए वैश्विक प्रमुख प्रेरक के रूप में कार्य करे।” उन्होंने कहा, “प्राकृतिक संसाधनों पर स्वामित्व की भावना आज संघर्ष को जन्म दे रही है, और पर्यावरण की दुर्दशा का मुख्य कारण बन गई है। पृथ्वी के सुरक्षित भविष्य के लिए ट्रस्टीशिप की भावना ही समाधान है।

भारत को अध्यक्षता मिलने पर उत्साहित दिखे सुनक
इंडोनेशिया में दो दिनों तक चले G-20 शिखर सम्मेलन की समाप्ति के साथ ही इसके सदस्य देशों ने एक संयुक्त घोषणापत्र भी जारी किया। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि भारत ने ‘G-20 आउटकम डॉक्यूमेंट’ का मसौदा तैयार करने में निर्णायक भूमिका निभाई है। भारत को G-20 की अध्यक्षता मिलने पर यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता भारत को मिलना बहुत उत्साह भरा है।

G-20 देशों की जीडीपी पूरी दुनिया की 80 फीसदी
G-20 देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको, रूस, इंडोनेशिया, इटली, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीयन यूनियन हैं। बता दें कि G-20 देशों की जीडीपी पूरी दुनिया की 80 फीसदी से अधिक है। दुनियाभर का 75 फीसदी व्यापार इन्हीं 20 देशों में होता है।