बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और अश्विनी वैष्णव ने इस बारे में जानकारी दी। देश में महंगाई अभी उच्च स्तर पर बनी हुई है। अप्रैल में खुदरा महंगाई चरम पर पहुंच गई थी लेकिन उसके बाद इसमें गिरावट आई थी। लेकिन अगस्त में यह फिर सात परसेंट पर पहुंच गई। यही वजह है कि सरकार ने गरीबों को महंगाई से राहत देने के लिए इस योजना को तीन महीने के लिए आगे बढ़ाने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना दुनिया का सबसे बड़ा फूड सिक्योरिटी प्रोग्राम है। सरकार ने हाल में स्टॉक पोजीशन की समीक्षा की थी।
कितनी राशन मिलती है
इस योजना के तहत परिवार के हरेक सदस्य को हर महीने पांच किलो राशन दिया जाता है। यह नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत मिलने वाले कोटे से अलग है। इस कानून के तहत ग्रामीण इलाकों में 75 फीसदी और शहरी इलाकों में 50 फीसदी आबादी को सस्ता राशन दिया जाता है। अब तक इस योजना पर 3.40 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास अनाज के स्टॉक में कोई कमी नहीं है। एक अगस्त तक सरकार के पास केंद्रीय पूल में 2.8 करोड़ टन चावल और 2.67 करोड़ टन गेहूं था।
कोरोना काल के मुश्किल दौर में इस योजना ने गरीबों की काफी मदद की है। देश में महंगाई अप्रैल में 7.8 फीसदी पर पहुंच गई थी। हालांकि मई से जुलाई में इसमें कुछ कमी आई है। जुलाई में यह 6.71 फीसदी रही लेकिन अगस्त में फिर सात प्रतिशत पहुंच गई। यह अब भी आरबीआई के दायरे से ऊपर बनी हुई है। आरबीआई ने इसे छह फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा है।