ईपीएफओ ने कहा कि एक फैसिलिटी दी जाएगी, जिसके लिए जल्द ही यूआरएल (यूनिक रिसोर्स लोकेशन) बताया जाएगा। इसके मिलने के बाद क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त व्यापक सार्वजनिक सूचना के लिए नोटिस बोर्ड और बैनर के जरिए जानकारी देंगे। आदेश के मुताबिक, प्रत्येक आवेदन को पंजीकृत किया जाएगा, डिजिटल रूप से लॉग इन किया जाएगा और आवेदक को रसीद संख्या दी जाएगी। संबंधित क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय के प्रभारी अधिकारी उच्च वेतन पर संयुक्त विकल्प के प्रत्येक मामले की जांच करेंगे। इसके बाद आवेदक को ई-मेल/डाक के जरिए और बाद में एसएमएस के जरिए फैसले की जानकारी दी जाएगी। आदेश में कहा गया है कि ये निर्देश उच्चतम न्यायालय के चार नवंबर, 2022 के आदेश के अनुपालन में जारी किए जा रहे हैं।
किसे मिलेगा फायदा
जो कर्मचारी 31 अगस्त, 2014 को ईपीएस के मेंबर थे और जिन्होंने ईपीएस के तहत ज्यादा पेंशन का विकल्प नहीं चुना, उनके लिए तीन मार्च से पहले यह विकल्प चुनने का समय है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक पात्र कर्मचारी फैसले की तारीख से चार महीने के भीतर ईपीएस से अधिक पेंशन का विकल्प चुन सकते हैं। कोर्ट के फैसले के मुताबिक कर्मचारियों को दो कैटगरी में बांटा गया था। पहली कैटगरी में ऐसे कर्मचारियों को रखा गया जो एक सितंबर 2014 से पहले ईपीएस के मेंबर थे और जिन्होंने ज्यादा पेंशन का विकल्प चुना था। दूसरी कैटगरी में ऐसे कर्मचारियों को रखा गया जो एक सितंबर 2014 को ईपीएस के मेंबर थे लेकिन वे ज्यादा पेंशन पाने का ऑप्शन चुनने से चूक गए थे। ईपीएफओ ने पहली कैटगरी के लिए 29 दिसंबर, 2022 को सर्कुलर जारी किया था।
कैसे करें अप्लाई
ज्यादा पेंशन पाने के लिए ईपीएस मेंबर को अपने करीबी ईपीएफओ ऑफिस जाना होगा। वहां उन्हें एप्लिकेशन के साथ कुछ डॉक्यूमेंट्स भी जमा कराने होंगे। कमिश्नर के बताए तरीके और फॉर्मेट के मुताबिक एप्लिकेशन देनी होगी। जॉइंट ऑप्शन में डिसक्लेमर और डिक्लरेशन भी होगा। प्रॉविडेंट फंड से पेंशन फंड तक में एडजस्टमेंट की जरूरत है तो जॉइंट फॉर्म में कर्मचारी की सहमति की जरूरत होगी। छूट वाले प्रॉविडेंट फंड ट्रस्ट से पेंशन फंड को फंड ट्रांसफर करने वाले केस में ट्रस्टी को एक अंडरटेकिंग जमा करनी होगी। एप्लिकेशन जमा होने के बाद इससे सर्कुलर के मुताबिक निपटा जाएगा। इसके लिए जल्द ही यूआरएल (यूनिक रिसोर्स लोकेशन) बताया जाएगा।