बिजली रहे या जाए, नहीं लगेगी गर्मी, आज ही जान लें कैसे


नई दिल्ली: इस समय उत्तर भारत में गर्मी अपने चरम पर है और इस दौरान किसी भी तरह की बिजली कटौती मुश्किल पैदा कर सकती है। कुछ क्षेत्रों में बिजली कटौती काफी कम हो सकती है, जिसमें 15 मिनट से 30 मिनट तक की कटौती होती है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में दैनिक आधार पर कई घंटों तक बिजली कटौती होती है। अगर आप घर से पढ़ाई करते हैं या काम करते हैं तो ये बहुत परेशानी भरा हो सकता है। पंखे और इंडक्शन समेत अन्य उपकरण बिजली जाने के बाद नहीं चलते हैं।

आपके घर के लिए एक इन्वर्टर और बैटरी सेटअप लेना ही एकमात्र सही सॉल्यूशन बचा है। ईकामर्स और डोरस्टेप डिलीवरी के कारण इन्वर्टर प्राप्त करना इतना आसान कभी नहीं रहा, कुछ के लिए किसी सही ऑप्शन को चुनना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। अगर ठीक से नहीं जानते कि आप क्या चाहते हैं तो उस प्रोडक्ट के लिए ज्यादा पैसा दे सकते हैं जो कि आपके लिए कम जरूरी है। ऐसे मुसीबतों से बचने के लिए आज हम कुछ आसान स्टेप्स के जरिए बता रहे हैं, जिससे आप सही इन्वर्टर चुन सकते हैं।

इन्वर्टर और बैटरी का चयन कैसे करें
सही नियम यह है कि आपके द्वारा चयनित इन्वर्टर को बिजली की कमी के दौरान आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले डिवाइस की संख्या से निर्धारित किया जाना चाहिए। जबकि आपके द्वारा चुनी गई बैटरी इस बात पर निर्भर करेगी कि आप कितने समय के लिए बिजली प्रोडक्शन चाहते हैं।

हम कुछ आसान स्टेप्स में अपनी जरूरतों के बारे में जानेंगे। इससे पहले कि आप एक इन्वर्टर खरीदें उससे पहले आपको इसके लिए सही प्लानिंग करनी जरूरी है। ऐसा करने के लिए आपको उन डिवाइस की एक लिस्ट बनानी होगी जो इन्वर्टर से जुड़े होंगे। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आपको कुल कितनी वाट क्षमता की जरूरत है।

जैसे कि मान लीजिए कि सिर्फ एक 25W पंखे, एक 60W टीवी और दो 40W एलईडी बल्ब के लिए इन्वर्टर चाहिए। कुल वाट क्षमता 25+60+40+40 की आवश्यकता होगी जो कि 165W है। फिर आप एक और 100W बफर रख सकते हैं अगर आपको लगता है कि आप भविष्य में इन्वर्टर में अधिक प्लग पॉइंट या उपकरण जोड़ सकते हैं। मान लें कि इस बफर राशि के साथ कुल वाट क्षमता 265W है।

सही इन्वर्टर चुनने के लिए, आपको अपनी वी/ए रेटिंग (वोल्ट/एम्पीयर) ढूंढनी होगी। ऐसा करने के लिए कुछ कदम हैं। आपकी आवश्यक वोल्ट एम्पीयर रेटिंग अनिवार्य रूप से आपकी जरूरी पावर को आपके द्वारा पसंद किए जा रहे इन्वर्टर के पावर फैक्टर से विभाजित करती है। जरूरी पावर वाट की संख्या है जिसकी कैलकुलेशन हमने की थी। इन्वर्टर का पावर फैक्टर आमतौर पर वह एफिशिएंसी, जिस पर इन्वर्टर काम करता है।

एक इन्वर्टर कभी भी 100 प्रतिशत एफिशिएंसी पर काम नहीं कर पाएगा। इसके बजाय, यह 50-80 प्रतिशतएफिशिएंसी के बीच काम करेगा। अगर इसकी एफिशिएंसी70 प्रतिशत है तो इसका पावर फैक्टर 0.7 होगा, अगर इसका 80 प्रतिशत है, तो पावर का फैक्टर 0.8 होगा और इसी तरह। आइए मान लें कि हम जिस इनवर्टर को देख रहे हैं, उसका पावर फैक्टर 0.7 है।

एक बार जब आपके पास पावर फैक्टर हो जाएगा तो उसके बाद अपनी वोल्ट एम्पीयर रेटिंग को चेक करना आसान होगा। इन्वर्टर के पावर फैक्टर द्वारा बस अपने लिए जरूरी वाट कैपेसिटी को विभाजित करें।

जैसे कि हम 265W को 0.7 से विभाजित करेंगे, जो लगभग 378VA के बराबर है। अब आप कोई भी इन्वर्टर चुन सकते हैं जिसकी वोल्ट एम्पीयर रेटिंग 378VA से अधिक हो। हालांकि, बहुत अधिक संख्या लेने की कोशिश न करें, क्योंकि यह सिर्फ पैसे की बर्बादी होगी।

बैटरी का चयन:

आपने एक इन्वर्टर चुना है, लेकिन आपको अभी भी एक ऐसी बैटरी की जरूरत है जो पावर कट हिट होने पर उसमें पावर रखे। यहां बताया गया है कि अपने लिए सही बैटरी का चयन कैसे करें। बैटरी की क्षमता को एम्पीयर ऑवर्स में मापते हैं। यह निर्धारित करने के लिए कि आपको बैटरी पर क्या देखने की जरूरत है और आपको कुछ और बेसिक कैलुकेशन करनी होगी।

इस फॉर्मूले को ध्यान में रखें

बैटरी कैपेसिटी = {पावर की जरूरत (वाट) घंटों की संख्या से गुणा} को बैटरी वोल्टेज (वोल्ट) से विभाजित किया जाता है। बैटरी वोल्टेज आमतौर पर 12V है। इसलिए हमारे डिवाइस को तीन घंटे तक ऑन रखने के लिए हमारी जरूरी बैटरी क्षमता है। {बिजली की जरूरत (265W) घंटों की संख्या (3 घंटे) से गुणा} को बैटरी वोल्टेज (12V) से विभाजित किया जाता है। जो (265×3)/12 = 66.25Ah है। तो 66Ah से ऊपर की कोई भी बैटरी कैपेसिटी आपके लिए सही होगी। हालांकि ध्यान दें कि आप लंबे समय तक बिजली की कैपेसिटी के लिए हमेशा हाई बैटरी कैपेसिटी के लिए जा सकते हैं। अब आपने कैलकुलेशन कर ली है कि आपको किस इन्वर्टर और बैटरी की जरूरत है।



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