Chinese Loan App Case: लोगों को ठगने वाले चीनी ऐप के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, ईडी ने दाखिल की चार्जशीट


नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चीनी कर्ज ऐप से जुड़े मनी लॉड्रिंग के मामले (Chinese loan app case) की जांच के संबंध में चार्जशीट दाखिल की है। एजेंसी ने पेमेंट ऐप रेजरपे (Razorpay), चीनी नागरिकों द्वारा नियंत्रित तीन फिनटेक फर्मों, तीन एनबीएफसी (NBFC) और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। आरोप है कि चीनी कर्ज ऐप ने बहुत से लोगों को ठगा है। केंद्राय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि बेंगलुरु स्थित विशेष धन शोधन निरोधक कानून (PMLA) अदालत ने अभियोजन की शिकायत (आरोपपत्र) का संज्ञान लिया है। आरोपपत्र में कुल सात इकाइयों और पांच व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है। आरोपी यूनिट्स में तीन फिनटेक कंपनियां मैड एलिफेंट नेटवर्क टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, बैरोनीक्स टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और क्लाउड एटलस फ्यूचर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं जिन्हें चीनी नागरिकों द्वारा ‘नियंत्रित’ किया जाता है।

आरबीआई के साथ पंजीकृत तीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) में एक्स-10 फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, ट्रैक फिन- एड प्राइवेट लिमिटेड और जमनादास मोरारजी फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपी बनाया गया है। एजेंसी ने कहा कि भुगतान गेटवे रेजरपे सॉफ्टवेयर लिमिटेड को भी आरोपपत्र में शामिल किया गया है। बेंगलुरु पुलिस की सीआईडी की ओर से दर्ज कई प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने धनशोधन का मामला दर्ज किया।

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क्या कहा चार्जशीट में

इससे पहले ईडी ने बैंक खातों और पेमेंट गेटवे में पड़े इस मामले में दो कुर्की आदेश जारी किए थे और 77.25 करोड़ रुपये जब्त किए थे। ईडी ने विभिन्न ग्राहकों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर सीआईडी, बेंगलुरु द्वारा दर्ज की गई विभिन्न एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी, जिन्होंने ऋण लिया था और इन मनी लेंडिंग कंपनियों के रिकवरी एजेंट से उत्पीड़न का सामना किया था। ईडी की जांच में पता चला है कि फिनटेक कंपनियों का संबंधित एनबीएफसी के साथ डिजिटल ऋण देने वाले ऐप के माध्यम से ऋण के वितरण के लिए समझौता है।

चार्जशीट में कहा गया है कि जांच के दौरान यह पता चला कि वास्तव में इन फिनटेक कंपनियों द्वारा पैसे उधार देने का कारोबार अवैध रूप से चलाया जा रहा है और ये एनबीएफसी जानबूझकर इन फिनटेक कंपनियों के आचरण के बारे में सावधान किए बिना कमीशन प्राप्त करने के लिए अपने नाम का उपयोग करने देती हैं। यह आरबीआई की उचित व्यवहार संहिता का भी उल्लंघन है। मामले में आगे की जांच जारी है।



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