
नीदरलैंड के एक शोधकर्ता का एक ट्वीट सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर तुर्की और सीरिया में आए भूकंप की भविष्यवाणी तीन दिन पहले ही कर दी थी. इससे ठीक तीन दिन बाद सोमवार, 6 फरवरी को इस क्षेत्र में दो बड़े भूकंप आए. बीते शुक्रवार 3 फरवरी को, फ्रैंक हूगरबीट्स ने ट्विटर पर पोस्ट किया, ‘जल्दी या बाद में इस क्षेत्र (दक्षिण-मध्य तुर्की, जॉर्डन, सीरिया, लेबनान) में 7.5 तीव्रता का भूकंप आएगा.’

पोस्ट के साथ एक मानचित्र भी था, जिसमें हूगरबीट्स के भूकंपीय गतिविधि से प्रभावित होने की संभावना वाले क्षेत्र को हाइलाइट किया गया था. हूगरबीट्स एसएसजीईओएस नाम के एक शोध संस्थान के लिए काम करते हैं. संस्थान का उद्देश्य ‘भूकंपीय गतिविधि से संबंधित आकाशीय पिंडों के बीच ज्यामितिय निगरानी करना’ है.

एसएसजीईओएस के मुताबिक, उनकी निगरानी गतिविधियां सबूत पर आधारित हैं कि ‘सौर मंडल में विशिष्ट ज्यामिति बड़े भूकंप का कारण बन सकती है.’ 2 फरवरी को एसएसजीईओएस ने एक भूकंप का पूर्वानुमान पोस्ट किया, जिसमें कहा गया था ‘4 से 6 फरवरी तक बड़ी भूकंपीय गतिविधि हो सकती है, सबसे अधिक संभावना है कि भूकंप की तीव्रता मध्य या उच्च 6 तक हो सकती है. 4 फरवरी के आसपास एक बड़ी भूकंपीय घटना की थोड़ी संभावना है.’

फ्रैंक हूगरबीट्स और एसएसजीईओएस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली और वैज्ञानिक तर्क को सार्वभौमिक रूप से स्वीकार नहीं किया गया है. हालांकि, भूकंप की भविष्यवाणी की वैधता के रूप में रिसर्चर के वायरल ट्वीट ने ट्विटर पर एक नई बहस को जन्म दे दिया है.

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, भूकंप के पूर्वानुमान के वैध होने के लिए, तीन मानदंडों की सटीक भविष्यवाणी की जानी चाहिए: 1) तारीख और समय; 2) स्थान और 3) परिमाण.
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Tags: Earthquake, Syria, Turkey
FIRST PUBLISHED : February 07, 2023, 11:46 IST