प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग होना नॉर्मल या फिर ये है किसी खतरे का संकेत? एक्सपर्ट से जानिए


Bleeding During Pregnancy: प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाएं ब्लीडिंग की प्रॉब्लम से गुजरती हैं. हालांकि क्या यह होना नॉर्मल बात है? या फिर आपको डरने की जरूरत है? नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन द्वारा पब्लिश एक स्टडी में बताया गया है कि तीन में से एक महिला को प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीनों के दौरान ब्लीडिंग का अनुभव होता है. पहली तिमाही के दौरान इसकी आशंका ज्यादा होती है. कभी-कभी यह समस्या गंभीर हो सकती है, जबकि कभी-कभी यह चिंता की बात नहीं रहती. हालांकि फिर भी किसी भी तिमाही के दौरान ब्लीडिंग के मामले में आपको डॉक्टर से कॉन्टैक्ट जरूर करना चाहिए.

एक्सपर्ट के मुताबिक, कई महिलाएं हल्के भूरे रंग के दाग से लेकर लाल रंग की ब्लीडिंग का अनुभव कर सकती हैं, जो ऐंठन या पीठ के निचले हिस्से में दर्द का कारण बनता है. यह समस्या एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक बनी रह सकती है. प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग और धब्बे लगने के बीच का अंतर यह होता है कि धब्बे में अंडरवियर पर ब्लड की कुछ बूंदें ही गिरेंगी, जबकि ब्लीडिंग में ब्लड का तेज फ्लो शामिल है.

क्या है कारण?

प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग होने के अलग-अलग कारण होते हैं जैसे-

1. प्रेग्नेंट महिला की ज्यादा उम्र

2. सी-सेक्शन सहित पिछली गर्भाशय सर्जरी

3. स्मोकिंग

4. हाई ब्लड प्रेशर 

5. यौन संचारित रोगों का इतिहास

6. हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे- डायबिटीज

पहली त्रैमासिक ब्लीडिंग

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पहली त्रैमासिक ब्लीडिंग के कारणों का पता लगाने के लिए आमतौर पर एक फिजिकल एग्जाम, ब्लड टेस्ट या सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन टेस्ट की जरूरत होती है. बार-बार ब्लड टेस्ट से बदलते hCG (ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन) हार्मोन के लेवल की मॉनिटरिंग में मदद मिल सकती है, जो यह तय करते हैं कि प्रेग्नेंसी को आगे बढ़ाया जा सकता है या नहीं. प्रोजेस्टेरोन और आरएच फैक्टर (रेड ब्लड सेल्स के सरफेस पर मौजूद एक प्रोटीन) की भी जांच की जा सकती है.

अंतिम तिमाही में ब्लीडिंग को लें सीरियसली

प्रेग्नेंसी के दूसरे और तीसरे तिमाही के दौरान ब्लीडिंग होना भी एक चिंता का मुद्दा हो सकता है. ब्लीडिंग के कुछ कारण नुकसानरहित होते हैं, जबकि कुछ कारण खतरनाक हो सकते हैं. अगर आपको अंतिम तिमाही में ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है तो बिना किसी देरी के डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है. इसका इलाज गर्भधारण की अवधि और मां और बच्चे के स्वास्थ्य के आधार पर तय होता है. संभावना है कि डॉक्टर प्रेग्नेंट महिलाओं को यौन संबंध बनाने और यात्रा करने से बचने की सलाह दे सकते हैं और उन्हें पूरी तरह से बेड रेस्ट के लिए कह सकते हैं. ये भी हो सकता है कि गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती भी होना पड़े.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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