
‘नल-जल योजना’ फेल- नीतीश के मंत्री
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगता है कि अब आलोचना के लिए विपक्षी बीजेपी से शिकायतें कम हो जाएंगी। क्योंकि, उनकी अपनी सरकार और पार्टी में ही उनके फैसलों और कदमों पर सवाल उठाने वालों की कमी नहीं रह गई है। नीतीश सरकार के सबसे नए आलोचक बने हैं बिहार के पंचायती राज मंत्री मुरारी गौतम। उन्होंने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री नीतीश की महत्वाकांक्षी ‘नल-जल योजना’ फेल हो चुकी है। मुरारी गौतम नीतीश सरकार की सहयोगी कांग्रेस कोटे से मंत्री हैं। उनका दावा है कि ‘कम शिक्षित वार्ड मेंबरों के चलते और अधिकारियों की शिथिलता’ की वजह से ‘नल-जल योजना’ फेल हो गई।’

बीजेपी ने भी खोला नीतीश सरकार खिलाफ मोर्चा
बिहार विधान परिषद में विरोधी दल के नेता और पूर्व पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने ‘नल-जल योजना’ पर दिए गए मंत्री के बयान पर जोरदार पलटवार किया है और इसे बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उनके मुताबिक, ‘जब हम सरकार में थे तो हमने पंचायती राज को मजबूत करने की कोशिश की थी। क्योंकि वार्ड मेंबर को योजना का पूरा जिम्मा दिया गया था। पूर्व की एनडीए सरकार ने इस योजना के तहत मेंटेंनेंस के लिए भी फंड जारी करने शुरू कर दिए थे।’ इससे पहले बिहार बीजेपी के अध्यक्ष डॉक्टर संजय अग्रवाल ने कहा था नल-जल योजना में अनियमितता के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं।

भ्रष्टाचार की बात करने वाले मंत्री की हो चुकी है छुट्टी
बहरहाल, सीएम नीतीश की किरकिरी करवाने वाले गौतम अपनी ही सरकार के पहले मंत्री नहीं हैं। उनसे पहले राजद नेता सुधाकर सिंह ने एक विवादित टिप्पणी करके महागठबंधन सरकार की जग-हंसाई करवाई दी थी। सुधाकर सिंह कृषि मंत्री रहते हुए बोले थे कि उनके विभाग में कई लोग चोर हैं और उन्होंने खुद को चोरों का सरदार कहा था। हद तो यह हो गई थी कि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर ऐलान किया था कि उनके ऊपर और भी कई सरदार बैठे हुए हैं। लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ यह नाराजगी जाहिर करना उन्हें भारी पड़ा और उन्हें इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ गया।

बिहार में शराबबंदी असफल- उपेंद्र कुशवाहा
ऐसा नहीं है कि नीतीश सरकार में शामिल सिर्फ सहयोगी दलों के मंत्रियों ने अपनी सरकार पर उंगलियां उठाई हैं। नीतीश कुमार की अपनी पार्टी के बड़े नेता भी उनके बड़े फैसलों पर सवाल खड़े करने में पीछे नहीं है। सबसे बड़ा उदाहरण जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा हैं। उन्होंने कुछ दिनों पहले ही दावा किया है कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह असफल हो गई है। उन्होंने कहा था, ‘मैं सीधे तौर पर कैसे कह सकता हूं कि शराबबंदी सफल है? बिहार में यह सफल नहीं है, लेकिन समाज को इसने बहुत फायदा पहुंचाया है।’
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ओवैसी ने कहा था- नीतीश एक्सपायरी डेट वाली दवा
गौरतलब है कि मंगलवार को ही हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने नीतीश कुमार के बारे में कह दिया था कि उनका अब समय बीत चुका है। ओवैसी ने गुजरात चुनाव को लेकर आजतक न्यूज चैनल के एक कार्यक्रम में बिहार के सीएम पर टिप्पणी की थी, जिन्होंने बीजेपी से तालमेल तोड़ने के बाद राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा दिखाने में जरा भी देर नहीं की थी। ओवैसी ने देश की राजनीति में नीतीश कुमार की अहमियत पर तंज कसते हुए कहा था, ‘नीतीश कुमार तो खत्म हो चुके हैं…..नीतीश कुमार नाम की दवा की एक्सपायरी डेट हो चुकी है….’