Anil Agarwal news: स्टील बिजनस बेचने की तैयारी में अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता, जानिए क्यों आई ऐसी नौबत


नई दिल्ली: दिग्गज माइनिंग कंपनी वेदांता लिमिटेड (Vedanta) अपना स्टील बिजनस बेचने की तैयारी में हैं। अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) की अगुवाई वाली इस कंपनी ने चार साल पहले इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स लिमिटेड (Electrosteel Steels Ltd) को खरीदकर स्टील इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया था। लेकिन अब उसने अपना स्टील बिजनस बेचने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक वेदांता ग्रुप का जोर कर्ज घटाने और अपने मुख्य कारोबार पर फोकस करने का है। मार्च के अंत तक कंपनी पर 11.7 अरब डॉलर का कर्ज था। इलेक्ट्रोस्टील को बेचने के लिए वेदांता ने कई स्टील कंपनियों से संपर्क साधा है। वेदांता ने 2018 में टाटा स्टील को पछाड़कर इलेक्ट्रोस्टील को 5,320 करोड़ रुपये में खरीदा था।

सूत्रों की मानें तो वेदांता लिमिटेड ने आर्सेलरमित्तल निप्पोन स्टील, टाटा स्टील (Tata Steel), जेएसडब्ल्यू (JSW) और जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (Jindal Steel and Power Ltd) से संपर्क साधा है। साथ ही फाइनेंशियल इनवेस्टर्स के एक ग्रुप को भी अप्रोच किया गया है। कई कंपनियों के टॉप अधिकारी वेदांता ग्रुप के अधिकारियों के साथ साइट विजिट भी कर चुके हैं। इनमें आर्सेलरमित्तल के सीईओ आदित्य मित्तल भी शामिल हैं। वेदांता ग्रुप ने इस बारे में कहा कि वह बाजार की अटकलों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता है। आर्सेलरमित्तल और जेएसडब्ल्यू ने भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। टाटा स्टील के सीएफओ कौशिक चटर्जी ने कहा कि कंपनी के पास अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।

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चार साल पहले खरीदी थी कंपनी
वेदांता ने 2018 में टाटा स्टील को पछाड़कर इलेक्ट्रोस्टील को 5,320 करोड़ रुपये में खरीदा था। क्रेडिटर्स ने इलेक्ट्रोस्टील को इनसॉल्वेंसी प्रोसेस में घसीटा था। खरीदने के बाद वेदांता ने इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स को डिलिस्ट कर दिया था। वेदांता ग्रुप के पास इलेक्ट्रोस्टील की 95.5% हिस्सेदारी है। वेदांता लिमिटेड की पेरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज (Vedanta Resources) है जिसका हेडक्वार्टर लंदन में है। अग्रवाल की फैमिली इनवेस्टमेंट कंपनी Volcan की वेदांता रिसोर्सेज में 100 फीसदी हिस्सेदारी है। इलेक्ट्रोस्टील की सालाना क्षमता 15 लाख मीट्रिक टन है। इसकी बोकारो और गोवा में फैसिलिटीज हैं।

Electrosteel

31 अक्टूबर को मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने वेदांता की कॉरपोरेट फैमिली रेटिंग घटा दी थी। कंपनी की रेटिंग्स पर आउटलुक निगेटिव बना हुआ है। इसके बाद तीन नवंबर को वेदांता ने रेटिंग एजेंसी के तौर पर मूडीज को हटा दिया था। कोरोना काल में दुनियाभर में कमोडिटीज की कीमत प्रभावित हुई थी। हालांकि कुछ एनालिस्ट्स का कहना है कि ग्रुप का बुरा दौर बीत चुका है। जेपी मोर्गन के एनालिस्ट पिनाकिन पारेख ने कहा कि वेदांता ने 2022-23 की पहली छमाही में प्रति शेयर 51 रुपये का डिविडेंड दिया। कंपनी के कर्ज में 1.4 अरब डॉलर की कमी आई है। महामारी के बाद मेटल की कीमतों में तेजी आ रही है और कंपनी अपना कर्ज उतारने की स्थिति में है।



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