रिपोर्ट – सृजित अवस्थी
पीलीभीत. एक ओर हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार लोग अपने घरों में कांटेदार पौधों को लगाना अशुभ मानते हैं लेकिन पीलीभीत के हर्षल ने इस मान्यता के उलट अपने घर की छत पर तक़रीबन 400 से भी अधिक प्रजातियों के 2000 पौधे कैक्टस/नागफनी के लगा रखे हैं. हर्षल का मानना है कि प्रकृति की बनाई कोई भी चीज किसी के लिए अशुभ नहीं हो सकती. अगर लोग कुछ खास पेड़-पौधों का पूजन करते हैं तो कैक्टस अशुभ कैसे हो सकता है.
हर्षल बताते हैं उनके इस सफर की शुरुआत उनके पिता के शौक के चलते हुई. उनके पिता को भी कैक्टस कलेक्शन का शौक था. वह बचपन से ही कैक्टस के बीच पले बढ़े. उन्होंने अपने पिता के शौक को आगे बढ़ाया और देश विदेश की दुर्लभ प्रजातियों के कैक्टस को अपने पॉली गार्डन में सजाना शुरू कर दिया. हर्षल बताते हैं कि उनके गार्डन में 40 साल पुराना वेरल कैक्टस है, तो वहीं 35 साल पुराना एरियो कार्पस भी मौजूद है.
टाइम टेबल के अनुसार दिया जाता है पानी
हर्षल ने News 18 Local से बातचीत के दौरान बताया ये पौधे मूल रूप से भारत में नहीं पाए जाते. इन कैक्टस में से अधिकतम प्रजातियां नॉर्थ अमेरिका व साउथ अमेरिका में पाई जाती हैं. ऐसे में, इन पौधों में खाद व पानी भी वहां के मौसम के अनुसार ही लगाया जाता है. हर्षल ने विशेष तौर पर कैक्टस की इन 450 प्रजातियों के लिए अलग से एक टाइम टेबल बनाया है.
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FIRST PUBLISHED : January 31, 2023, 14:06 IST