Banking Crisis: सिलिकॉन वैली के बाद अब क्रेडिट सुइस ने डराया, अमेरिकी मार्केट पस्त, भारतीय बाजार पर भी दिखेगा असर


नई दिल्ली: अमेरिका से शुरू हुए बैंकिंग संकट ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। पिछले पांच दिनों से सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) और सिंग्नेचर बैंक (Singnature Bank) के डूबने के बाजार में चौतरफा बिकवाली देखी जा रही है। अब यूरोप के भी कई बैंक इसकी चपेट में आ गए हैं। दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में से एक स्विट्जरलैंड के क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) बैंक के शेयर बुधवार को कारोबार के दौरान 24 फीसदी गिरावट गए। दूसरे बैंकों के शेयरों पर भी इसका असर दिखाई दिया। यूरोप में शेयर मार्केट गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिका में भी शुरुआती कारोबार में भारी गिरावट देखी जा रही है। भारतीय शेयर बाजार लगातार पांचवें दिन गिरावट के साथ बंद हुए। घरेलू शेयर बाजार अडानी ग्रुप (Adani Group) के संकट से पूरी तरह उबर भी नहीं पाए थे कि बैंकिंग संकट ने निवेशकों को भारी चपत लगा दी। इस साल निवेशकों को 26.54 लाख करोड़ रुपये की चपत लग चुकी है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह संकट और गहरा सकता है। दुनिया के कई बैंक इसकी चपेट में आ सकते हैं। भारत पर भी इसका असर दिख सकता है।

घरेलू शेयर बाजार में बुधवार को बैंक, फाइनेंस और टेलिकॉम दूरसंचार शेयरों में भारी बिकवाली के कारण बीएसई सेंसेक्स 344 अंक टूटकर पांच महीने के निचले स्तर पर बंद हुआ। कारोबारियों ने कहा कि बैंकों की सेहत और महंगाई की चिंताओं ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया। लगातार पांचवें सत्र में गिरावट के साथ सेंसेक्स 57,555.90 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सूचकांक 570 अंक से अधिक चढ़कर 58,473.63 के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। लेकिन यूरोपीय शेयरों की कमजोर शुरुआत के बाद शेयर बाजारों ने उत्साह खो दिया। एनएसई का निफ्टी भी 71.15 अंक यानी 0.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,972.15 पर बंद हुआ। इसमें शामिल 50 शेयरों में से 28 शेयर नुकसान में रहे।

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निवेशकों को भारी नुकसान

सेंसेक्स के शेयरों में इंडसइंड बैंक को सबसे अधिक दो प्रतिशत का नुकसान हुआ। इसके अलावा भारती एयरटेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, एचयूएल, टाटा मोटर्स, नेस्ले इंडिया और एक्सिस बैंक भी नुकसान में रहे। दूसरी ओर, एशियन पेंट्स, टाटा स्टील, टाइटन और एलएंडटी 3.03 प्रतिशत तक की बढ़त के साथ लाभ में रहे। सेंसेक्स के तीस शेयरों में से 21 शेयर नुकसान में रहे। यह साल शेयर बाजार के निवेशकों के लिए बेहद निराशानजनक रहा है। ढाई महीने में भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों को 26.50 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

इस बीच अमेरिका से शुरू हुआ बैंकिंग संकट ने अब यूरोप में भी दस्तक दे दी है। स्विट्जरलैंड के क्रेडिट सुइस के शेयर बुधवार को रेकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गए। बैंक के सबसे बड़े शेयरधारक ने कहा कि यह बैंक को सपोर्ट देने के लिए और पैसा नहीं लगा सकता है। इससे बैंक के शेयरों में भारी गिरावट आई। शेयरों में ट्रेडिंग को कई बार रोका गया। इसकी वजह यह रही कि वॉल्यूम बढ़ गया और स्टॉक 20 प्रतिशत गिर गया। बैंकिंग सेक्टर के संकट ने यूरोपीय शेयर बाजारों को गहरे लाल रंग में डाल दिया। ब्रिटेन का एफटीएसई 100 स्टॉक इंडेक्स पिछले दिसंबर के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया।

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यूरोप पहुंचा बैंकिंग संकट

स्विस बैंक यूबीएस 6.2 प्रतिशत नीचे हैं, जर्मनी के डॉयचे बैंक में 6.4 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसी तरह फ्रांस के सोसाइटी जेनरेल में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। बार्कलेज में 6.5 फीसदी की गिरावट आई जबकि स्टैंडर्ड चार्टर्ड में 5.5 फीसदी और नेटवेस्ट में 4.4 फीसदी की गिरावट रही। सभी बैंकों में आठ से 12 फीसदी तक गिरावट आई है। इस साल अमेरिका के दो बैंक डूब चुके हैं जिनका कंबाइंड एसेट 319 अरब डॉलर है। यह अमेरिका के बैंकिंग इतिहास में 2008 के बाद सबसे खराब साल है। तब 25 बैंक डूबे थे जिनकी कुल एसेट 374 अरब डॉलर थी। अमेरिका के फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) ने 2001 में डेटा लेना शुरू किया था।



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