Adani Group debt: देश के सबसे बड़े रईस गौतम अडानी की कंपनियों पर कितना कर्ज है, जानते हैं आप?


नई दिल्ली: हाल में एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि देश के सबसे अमीर उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) की अगुवाई वाले अडानी ग्रुप (Adani Group) पर भारी कर्ज है और ग्रुप की एकाध कंपनी आने वाले दिनों में कर्ज के भुगतान में डिफॉल्ट कर सकती है। लेकिन अडानी ग्रुप ने इन आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा है कि ऑपरेटिंग प्रॉफिट के अनुपात में उसके शुद्ध कर्ज (net debt to operating profit ratio) की स्थिति सुधरी है और सरकारी बैंकों से लिए गए आधे से अधिक कर्ज को चुका दिया गया है। अडानी ग्रुप ने अत्यधिक कर्ज में होने के बारे में हाल में आई क्रेडिटसाइट्स (CreditSights) की रिपोर्ट के जवाब में 15 पृष्ठ का एक नोट जारी किया है।

इसमें ग्रुप ने कहा है कि उसकी कंपनियों ने लगातार अपने कर्ज को चुकाया है और नेट डेट टु एबिटा रेश्यो (net debt to ebitda ratio) घटकर 3.2 गुना रह गया है जबकि नौ साल पहले यह 7.6 गुना हुआ करता था। नोट के मुताबिक, ‘अडानी ग्रुप के कारोबार एक सरल लेकिन सशक्त और दोहराए जाने लायक कारोबारी मॉडल पर काम करते हैं जिनका ध्यान विकास एवं उत्पत्ति, परिचालन और प्रबंधन एवं पूंजी प्रबंधन योजना पर होता है।’ अडानी ग्रुप के पास उपलब्ध नकदी को ध्यान में रखें, तो उसपर मार्च, 2022 में 1.88 लाख करोड़ रुपये का सकल कर्ज और 1.61 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध ऋण था।

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सरकारी बैंकों का कर्ज कम किया
ग्रुप ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में उसकी कंपनियों के कुल कर्ज में सार्वजनिक बैंकों से लिए गए कर्ज का अनुपात 55 प्रतिशत पर था लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 में यह घटकर कुल कर्ज का सिर्फ 21 प्रतिशत रह गया। वित्त वर्ष 2015-16 में निजी बैंकों से लिए गए कर्ज की कुल ऋण में हिस्सेदारी 31 प्रतिशत हुआ करती थी जो अब घटकर 11 प्रतिशत पर आ गई है। इसके उलट बॉन्ड के जरिये जुटाए गए कर्ज की हिस्सेदारी इस दौरान 14 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत हो चुकी है।

फिच समूह की फर्म क्रेडिटसाइट्स ने पिछले महीने जारी एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के भारी कर्ज में डूबे होने की बात कही थी। उसका कहना था कि अडानी ग्रुप बड़े पैमाने पर कर्ज लेकर उस राशि का इस्तेमाल अपने मौजूदा कारोबार के विस्तार एवं नए कारोबारों को खड़ा करने में कर रहा है। क्रेडिटसाइट्स ने यह आशंका भी जताई थी कि हालात बिगड़ने पर समूह की ऋण-समर्थित कारोबार योजनाएं भारी कर्ज के जाल मे डूब सकती हैं और इसका नतीजा एक या अधिक कंपनियों के कर्ज भुगतान चूक के रूप में भी आ सकता है।

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कई सेक्टर्स में बिजनस फैलाया
अडानी ग्रुप ने पिछले कुछ वर्षों में ही अपने कारोबार का बड़ी तेजी से विस्तार किया है। कोयला खनन, बंदरगाह, हवाईअड्डा, डेटा सेंटर, सीमेंट, एल्युमिनियम और शहरी गैस वितरण जैसे तमाम कारोबार क्षेत्रों में समूह काम कर रहा है। इस संदर्भ ने समूह की तरफ से कहा गया है, ‘पोर्टफोलियो में शामिल कंपनियों ने बीते दशक में उद्योग को पीछे छोड़ने वाली दर से विस्तार किया है। ऐसा करते हुए हमारी कंपनियों ने एबिटा आय के अनुपात में शुद्ध कर्ज को नीचे लाने के लिए लगातार काम किया है। पिछले नौ वर्षों में एबिटा आय सालाना 22 प्रतिशत की दर से बढ़ी है जबकि कर्ज की वृद्धि दर 11 प्रतिशत ही रही है।’

अडानी समूह ने क्रेडिटसाइट्स द्वारा दिए गए आंकड़ों से इतर आंकड़ों का इस्तेमाल करते हुए कहा है कि उसकी कंपनियों का ऋण अनुपात स्वस्थ बना हुआ है और उद्योग मानकों के अनुरूप है। ग्रुप ने कहा, ‘पिछले 10 वर्षों में हमने अपनी पूंजी प्रबंधन रणनीति के जरिये अपने कर्ज मानकों को बेहतर करने के लिए लगातार काम किया है।’ क्रेडिटसाइट्स की रिपोर्ट में अडानी एंटरप्राइजेज की एबिटा आय का अनुपात 1.6 बताया गया था, जबकि समूह ने इसे 1.98 बताया है।



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