एबीजी शिपयार्ड स्कैम में अधिकतम रिकवरी की होगी कोशिश बैंकों की बैलेंस शीट पर नहीं पड़ेगा असर: SBI


Publish Date: | Sun, 13 Feb 2022 08:05 PM (IST)

ABG Shipyard Fraud Case: देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले एबीजी शिपयार्ड मामले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एमडी जे स्वामीनाथन ने कहा कि इस घोटाले का बैंकों की बैलेंस शीट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं हम ज्यादा से ज्यादा वसूली की कोशिश करेंगे। SBI ने इस मामले में रविवार को बयान जारी कर बताया कि आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) के नेतृत्व में 2 दर्जन से ज्यादा लोगों को कंसोर्टियम अरेंजमेंट के तहत लोन दिया गया था। बेहद खराब प्रदर्शन के कारण नबंवर 2013 में ही कंपनी का अकाउंट NPA बन गया था। एसबीआई ने कहा कि कंपनी को दोबारा चलाने के लिए कई बार कोशिशें की गईं लेकिन कामयाबी नहीं मिली।

जोखिम अनुपालन और तनाव संपत्ति समाधान समूह ((Risk Compliance & Stress Assets Resolution Group) के एमडी जे स्वामीनाथन ने कहा कहते हैं, “एबीजी शिपयार्ड 2001 से लगभग 28 बैंकों से ऋण सुविधाओं का आनंद ले रहा था। कंपनी लंबे समय तक खुद को बनाए नहीं रख सकी।” उन्होंने कहा “सबसे बड़े पीएसबी होने के नाते, एसबीआई को अन्य बैंकों द्वारा सीबीआई शिकायत दर्ज करने के लिए अधिकृत किया गया था। पहली शिकायत नवंबर 2019 में दर्ज की गई थी। दिसंबर 2021 में, एक व्यापक शिकायत दर्ज की गई थी। यह आम तौर पर बड़े मूल्य के कॉर्पोरेट ऋणों में होता है। मुझे कोई देरी नहीं दिख रही है। यह 2013 से एनपीए है।”

इस मामले में लीड बैंक आईसीआईसीआई द्वारा एक ऑडिट कराया गया, जिसकी रिपोर्ट 2019 में आई थी। इसमें संबंधित पक्षों को धन के हस्तांतरण और अन्य उद्देश्यों के लिए धन के उपयोग का संकेत दिया गया था। चर्चा के बाद, सभी बैंकों ने 2019 में खाते को फ्रॉड घोषित किया। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के एक संघ ने कथित रूप से 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के संबंध में 8 नवंबर 2019 को शिकायत दर्ज कराई।

करीब डेढ़ साल से अधिक समय तक जांच करने के बाद सीबीआई ने इस पर कार्रवाई की। CBI ने इस मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। एजेंसी ने अग्रवाल के अलावा तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशकों – अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भी कथित रूप से आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक दुरुपयोग जैसे अपराधों के लिए मुकदमा दर्ज किया है। शनिवार को सूरत, भरूच, मुंबई, पुणे आदि में एक निजी कंपनी, निदेशकों सहित आरोपियों के परिसरों में 13 स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए। इस मामले में अब तक 8 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

Posted By: Shailendra Kumar

 





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